महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद अब महायुति में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मंथन जारी है. सियासी गलियारों में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नामों पर बहस जारी है. दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. इस बीच शिवसेना (शिंदे) की एमएलसी मनीषमा कायंदे के एक पोस्ट ने सियासी पारा हाई कर दिया है.
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा- ‘एकनाथ हैं तो सेफ हैं.’ इस पर अब महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. बावनकुले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक करने के लिए कहा था ‘एक हैं तो सेफ हैं.’ उन्होंने समाज को एक रखने के लिए कहा था. लेकिन कहां की बात को कहां जोड़ा जा रहा है.
महाराष्ट्र में चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जनसभाओं को संबोधित करते हुए नारा दिया था, ‘एक हैं तो सेफ हैं’. इस नारे की पूरे चुनाव में खूब चर्चा हुई. जहां विपक्ष ने बीजेपी पर नारे के जरिए ध्रुवीकरण करने की कोशिश का आरोप लगाया तो वहीं बीजेपी को नारे से चुनाव में बड़ा लाभ मिला. अब इसी नारे को लेकर शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को सीएम पद का प्रमुख दावेदार बता रहे हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र में सीएम की रेस में एकनाथ शिंदे और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस का नाम है. बीजेपी समर्थक चाहते हैं कि ज्यादा सीटें जीतने के बाद उनकी पार्टी के नेता को सीएम बनाया जाना चाहिए. वहीं शिवसेना (शिंदे) के नेता एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अभी तक महायुति की ओर से सीएम चेहरे पर मुहर नहीं लगाई गई है.
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संवैधानिक बाध्यता के तहत मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. इससे महायुति गठबंधन के भीतर इस बात पर गहन विचार-विमर्श के बीच नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया कि शीर्ष पद कौन संभालेगा – बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे. दरअसल, एकनाथ शिंदे पिछली सरकार में दो उपमुख्यमंत्रियों फडणवीस और अजित पवार के साथ राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मिले, जिन्होंने शिवसेना नेता से नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक कार्यवाहक क्षमता में बने रहने को कहा है क्योंकि निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार (26 नवंबर) को समाप्त हो गया.
गौरतलब है कि महायुति गठबंधन ने हाल के चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें 288 में से 230 सीटें जीतीं. अकेले बीजेपी ने 132 सीटें हासिल कीं, जिससे फडणवीस सीएम पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार बन गए, उसके बाद शिवसेना के शिंदे गुट को 57 सीटें और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं.