पर्थ टेस्ट मैच में भारत के शानदार प्रदर्शन पर लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने आजतक से खास बातचीत में अपनी राय रखी. गावस्कर ने कहा कि जसप्रीत बुमराह में भारतीय टीम का पूर्णकालिक कप्तान बनने के लिए सभी गुण हैं. पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में पांच मैचों की श्रृंखला के शुरुआती टेस्ट में पैट कमिंस के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पर भारत की 295 रन की जीत में जसप्रीत बुमराह प्लेयर ऑफ द मैच रहे. बुमराह पर्थ स्टेडियम में टेस्ट जीतने वाले पहले विदेशी कप्तान भी बन गए. इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का 4-0 अजेय रिकॉर्ड था, जिसे भारत ने रोक दिया है. लेकिन रोहित शर्मा एडिलेड में होने वाले दूसरे टेस्ट से कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं.
सुनील गावस्कर ने उन गलतफहमियों को भी खारिज कर दिया कि तेज गेंदबाजों में अच्छे कप्तान बनने की क्षमता नहीं है. अपने दौर के इस दिग्गज बल्लेबाज ने कपिल देव और इमरान खान का उदाहरण देते हुए, टीम इंडिया के स्थायी कप्तान के रूप में जसप्रीत बुमराह का समर्थन किया. गावस्कर ने ने कहा, ‘यह बकवास बात है कि तेज गेंदबाज अच्छे कप्तान नहीं होते हैं. जसप्रीत बुमराह केवल 30 वर्ष का है. उसने दिखाया है कि वह कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल सकता है. आज भी, जिस तरह से उसने गेंदबाजी में बदलाव किए हैं, वह आपको बताता है कि वह कितना सोच-समझकर अपनी चाल चलते हैं. हमारे उपमहाद्वीप में ही हमें इमरान खान नाम का तेज गेंदबाज मिला है जो एक शानदार कप्तान रहा है. और हमारे पास कपिल देव हैं, ये दोनों बेहतरीन कप्तान थे. इसलिए तेज गेंदबाज भी अच्छे कप्तान बन सकते हैं.’
गावस्कर ने बताया AUS में क्यों बेहतर हो जाती है टीम इंडिया
उन्होंने कहा कि क्रिकेट के मैदान में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ वर्षों में प्रतिद्वंद्विता काफी बढ़ गई है. यही कारण है कि भारतीय खिलाड़ी जब अपने सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम को पाते हैं, तो उनका जोश और हाई हो जाता है. वे (टीम इंडिया के खिलाड़ी) मन ही मन कहते हैं कि भई इनको (कंगारू टीम) दिखाना है. क्रिकेट की दुनिया में दो टीमें हैं, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया… इनकी जो मीडिया है… प्लेयर्स नहीं… वे थोड़े बहुत हैं, मगर इनकी मीडिया इंडियन क्रिकेट और बीसीसीआई के बारे में इतना बुरा लिखती है कि हमारे खिलाड़ी चाहते हैं कि उनको दिखा दिया जाए कि हम कितने मजबूत और कितने जबरदस्त हैं. शायद इसीलिए टीम इंडिया के खेल का स्तर भारत की तुलना में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोगुना हो जाता है.
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ऑस्ट्रेलियन मीडिया कह रही है कि पिछले चार दशक में कंगारू टीम की इस तरह की धुलाई कोई टीम ने कह सकी, जैसा भारत ने किया है. इस मुद्द पर सुनील गावस्कर ने कहा, ‘बिल्कुल सही बात है. टेस्ट क्रिकेट में वेस्टइंडीज का एक दौर था. उसके बाद 10-15 साल के लिए ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा वर्ल्ड क्रिकेट पर. उसे किसी टीम ने इस तरह नहीं हराया, जैसे भारतीय टीम ने पिछले 10-15 साल में हराया है.’
ऑस्ट्रेलियन मीडिया की बातें बढ़ाती हैं टीम इंडिया का जज्बा
सुनील गावस्कर ने कहा, ‘पर्थ में 2007-8 में टीम इंडिया में जो जीत हासिल की थी, वह कैसे हुई थी. हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच सिडनी में जो कंट्रोवर्सी हुई थी, उसके बाद में जो बवाल मचा था. भारतीय टीम और इंडियन क्रिकेट के बारे में इतना भला-बुरा कहा गया था. उस विवाद के बाद भारतीय टीम ने पर्थ में जिस तरह का खेल दिखाया था, वो एक उदाहरण है और आज का जो उदाहरण है, वह दिखाता है कि ऑस्ट्रेलियन मीडिया भारतीय क्रिकेट के बारे में जितना बुरा लिखती है, हमारे खिलाड़ी उतना ही बेहतर प्रदर्शन करते हैं.’
गावस्कर ने कहा कि टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में सूर्यकुमार यादव ने डेविड मिलर का बाउंड्री लाइन पर जो कैप पकड़ा था, उसे लेकर ऑस्ट्रेलियन मीडिया में काफी कुछ लिखा गया. कहा गया कि कैच फेयर नहीं था. इसी कारण हमारी टीम उन्हें दिखाना चाहती है कि हम आपको आपके घर में पीटकर जाएंगे. कंगारू टीम की हार के साथ पर्थ टेस्ट चौथे दिन समाप्त हो गया. इस टेस्ट मैच में कुल 11 सेशन का गेम हुआ, जिसमें पहले दिन के दो सेशन को छोड़कर (भारत अपनी पहली पारी में 150 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गया था) भारतीय टीम ने बाकी 9 सेशन में ऑस्ट्रेलियन टीम को बुरी तरह डॉमिनेट किया.
मैल्कम मार्शल के बाद विश्व क्रिकेट में बुमराह का है खौफ
ऑस्ट्रेलियन मीडिया में कहा जा रहा है कि विश्व क्रिकेट में मैल्कम मार्शल के बाद किसी दूसरे फास्ट बॉलर ने वह खौफ नहीं पैदा किया, जो जसप्रीत बुमराह ने किया है. इस पर सुनील गावस्कर ने कहा, ‘हां बिल्कुल. मुझे तो और कोई दिखाई नहीं पड़ रहा है. शायद वसीम अकरम और वकार युनुस होंगे, उसके बाद तो मुझे कोई दूसरा गेंदबाज याद नहीं आ रहा. इंग्लैंड का तो कोई फास्ट बॉलर नहीं था, जिसने इतना खौफ पैदा किया होगा. जसप्रीत बुमराह को किस तरह से खेला जाए, किस तरह से उनका सामना किया जाए, यह सिर्फ ऑस्ट्रेलिया नहीं बल्कि दूसरे देशों के भी सारे बल्लेबाज इसका जवाब जानना चाहते हैं.
उनके पास जो काबिलियत है, जिस तरह से वह इनस्विंग, आउटस्विंग, स्लो यॉर्कर, फास्ट यॉर्कर, फास्ट बाउंसर, स्लो बाउंसर, चेंज ऑफ पेस सबकुछ कर लेते हैं, वैसा दूसरा कोई गेंदबाज नहीं पा रहा. बाकी तेज गेंदबाजों के पास इनमें से एक या दो चीजें ही होती हैं. जसप्रीत बुमराह के पास 8, 10, 12 अलग-अलग गेंदें हैं. इसीलिए वह क्रिकेट के तीनों फार्मेट में सर्वश्रेष्ठ हैं. भारतीय बैटिंग के बारे में गावस्कर ने कहा, ‘शुरुआत के 10 ओवर जब गेंद नई होती है, आपने थोड़ा संयम दिखाया तो बाद में बाद बड़े स्कोर कर सकते हैं. हमें यह भी याद रखना चाहिए कि दूसरे दिन पर्थ की पिच थोड़ी आसान हो गई थी. फिर भी गेंद काफी तेज निकल रही थी. तब राहुल और यशस्वी ने दिखाया कि कैसी बैटिंग की जानी चाहिए. पहली पारी में यशस्वी जायसवाल ड्राइव मारने के चक्कर में आउट हुआ था. उससे सीखकर दूसरी पारी की शुरुआत में उसने ड्राइव नहीं मारा. सेट होने के बाद जरूर ड्राइव्स मारे. दोनों ने सीधे बल्ले से खेला. यह दिखाता है कि 22 साल का युवा खिलाड़ी अपनी गलतियों से सीख रहा है.’
रोहित ओपनिंग करेंगे, राहुल नीचे बैटिंग करेंगे: गावस्कर
विराट कोहली के बारे में सुनील गावस्कर ने कहा, ‘जब आपका सबसे अनुभवी और सबसे महान खिलाड़ी का फॉर्म पहले ही मैच में वापस आ जाता है, तो बाकी के चार मैचों के लिए टीम का हौसला भी बढ़ जाता है. शायद विराट का यह ऑस्ट्रेलिया का आखिरी दौरा है. बाकी बचे मैचों में वह और शतक जड़ना चाहेंगे और शायद बना भी लेंगे.’ रोहित शर्मा दूसरे टेस्ट में वापसी करेंगे. ऐसे में ओपनिंग स्लॉट में बदलाव होगा या रोहित खुद को मिडिल ऑर्डर में प्लेस करेंगे? इस सवाल के जवाब में सुनील गावस्कर ने कहा, ‘नहीं, मैं चाहता हूं कि रोहित शर्मा ओपनिंग करें. क्योंकि रोहित और यशस्वी की एक जोड़ी बन गई थी. रोहित की अनुपस्थिति में केएल राहुल ने जरूर ओपन किया और अच्छी बल्लेबाजी की. पर मैं चाहता हूं कि रोहित शर्मा आएं. क्योंकि एडिलेड की स्क्वायर बाउंड्री बहुत छोटी है और रोहित शर्मा पुल शॉट अच्छा खेलते हैं. तो वह एडिलेड में बहुत सारे रन बना सकते हैं. केएल राहुल नंबर 6 पर जा सकते हैं, क्योंकि शुभमन गिल आएंगे तो वह अपनी नंबर 3 की पोजिशन वापस लेंगे. ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल बाहर हो सकते हैं.’