Sambhal DM on Jama Masjid Sadar Zafar Ali – ‘पथराव होते ही भाग गए मस्जिद के सदर जफर अली, भीड़ ने लगाए भड़काऊ नारे’, संभल हिंसा पर DM का बयान – Sambhal DM says Jama Masjid Sadar Zafar Ali ran away as soon as stones pelted crowd raised provocative slogans ntc

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संभल जामा मस्जिद के सदर (मस्जिद के इमाम) जफर अली ने सोमवार को एक बयान में हिंसा के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जफर अली के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के सदर का बयान भ्रामक है. जफर अली को न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया है. 

संभल डीएम ने कहा, ‘जफर अली पुलिस फायरिंग को लेकर भ्रामक टिप्पणी कर रहे हैं. गोली लगने से 4 लोगों की मौत हुई. उन्हें गोली किसने मारी यह पता नहीं. पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं हुई. जफर ने दावा किया था कि भीड़ ने कोई पथराव नहीं किया था. यह भी भ्रामक है. सुबह 10:30 बजे जब पथराव शुरू हुआ तो हमने जफर अली को हेलमेट पहनाया और जाकर भीड़ को शांत करने को कहा. लेकिन जब भीड़ ने उन पर हमला किया तो वह मौके से भाग निकले. भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी.’

सर्वे टीम के आसपास धार्मिक नारेबाजी के वायरल वीडियो पर संभल डीएम ने कहा, ‘जब सर्वे टीम मस्जिद पहुंची तो वहां कोई नारेबाजी नहीं हुई. पथराव शुरू होने के बाद जब टीम सर्वे पूरा करके वापस लौट रही थी, तो घटनास्थल से काफी दूर पहुंचने पर कुछ लोगों ने नारेबाजी की. जफर अली ने कहा कि उन्हें पहले सर्वे की जानकारी नहीं दी गयी. उनका यह दावा भ्रामक है. कोर्ट का आदेश 24 नवंबर को दोपहर 2.38 बजे आया. एसडीएम और सीओ जफर अली को अदालत के आदेश की कॉपी सौंपने उसी दिन शाम 5 से 5.30 बजे के बीच खुद जामा मस्जिद गए थे. हमारे पास एडवोकेट कमिश्नर के आदेश की एक प्रति है, जिस पर मस्जिद सदर के हस्ताक्षर हैं.’

डीएम पेंसिया ने कहा कि जफर अली का आरोप है कि संभल एसडीएम ने सर्वे के लिए वजू टैंक खाली कराया. लेकिन वजू टैंक को फोटोग्राफी के लिए खाली किया गया था और जल्द ही इसे दोबारा भर दिया गया. बार- बार सर्वे में बाधा डालने की कोशिश की गई. हमने सभी पक्षों को सर्वे की जानकारी पहले से दी थी. उन्होंने कहा, ‘जफर साहब ने कहा कि उन्होंने पुलिस को फायरिंग करते देखा है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वह सर्वे कराने में व्यस्त थे या गोलीबारी देखने में. वह सुबह 10:30 से 10:45 बजे के बीच सर्वे करा रहे थे. जबकि पथराव और हिंसा की घटना 10 से 11 बजे के बीच हुई.’

जफर अली ने क्या आरोप लगाए थे?

बता दें कि संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने सोमवार को मीडिया में एक बयान दिया कि हिंसा के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है. उन्होंने दावा किया कि, ‘ये सब वजू टैंक से पानी निकालने की प्रशासन की जिद के कारण हुआ. एसडीएम संभल ने वजू टैंक से पानी खाली कराने पर जोर दिया. एसपी व डीएम ने कहा कि डंडे से मापी करायी जाये. पानी निकलते ही लोगों को यह लगा कि बिना पूर्व सूचना के मस्जिद के अंदर खुदाई चल रही है.’ 

जफर अली ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमने मस्जिद से लोगों से शांति बरतने की अपील की. ये सब संभल के एसडीएम और सीओ की वजह से हुआ. जब लोगों ने सीओ से पूछा कि अंदर क्या हो रहा है, तो उन्होंने गाली-गलौच की और लाठीचार्ज का आदेश दे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी सवाल पूछ रहा है उसे गोली मार दी जाएगी. एसडीएम और सीओ संभल ने दहशत फैलाई… भीड़ बेकाबू हो गई, क्योंकि उन्हें लगा कि खुदाई चल रही है. कुछ भी स्पष्ट करने वाला कोई नहीं था.’



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