विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को मुंबई में आदित्य बिड़ला ग्रुप स्कॉलरशिप प्रोग्राम के सिल्वर जुबली समारोह में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक चिंताओं के बावजूद वाशिंगटन के साथ भारत के संबंधों पर विश्वास जताया. उन्होंने बराक ओबामा से लेकर डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन तक, अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के तालमेल और मजबूत संबंध बनाने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डाला.
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और पीएम मोदी के साथ उनके मजबूत व्यक्तिगत संबंधों के परिप्रेक्ष्य में भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी जीत के बाद जो पहली तीन कॉलें कीं उनमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल थे. पीएम मोदी के वास्तव में कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंध रहे हैं. जब वह पहली बार वाशिंगटन डीसी गए, तो ओबामा राष्ट्रपति थे, फिर डोनाल्ड ट्रंप थे, फिर जो बाइडेन. उनके लिए यह बहुत नेचुरल है. वह नेताओं से मजबूत व्यक्तिगत संबंध बना लेते हैं. इससे बहुत मदद मिलती है.’
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विदेश मंत्री ने कहा कि कई अन्य देशों के विपरीत भारत अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बारे में चिंतित नहीं है. मैं जानता हूं कि आज बहुत से देश अमेरिका में हुए सत्ता परिवर्तन से घबराये हुए हैं. ईमानदारी से कहूं तो भारत उनमें से एक नहीं है. बता दें कि 5 नवंबर को कमला हैरिस के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने शानदार जीत दर्ज की. वह दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं. इससे पहले वह 2016 से 2020 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं.
आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में मेरा व्यक्तिगत अनुभ बहुत ही सकारात्मक था. वह उद्योग समर्थक नेता हैं. हम आदित्य बिड़ला ग्रुप के रूप में अमेरिका में भारत के सबसे बड़े निवेशक हैं. हमने अमेरिका में लगभग 15 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. उनका भारत के प्रति बहुत सकारात्मक झुकाव है और पीएम मोदी के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं. हम आगे दोनों देशों के बीच और बेहतर संबंधों की उम्मीद कर सकते हैं.’