झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज. शुक्रवार देर रात अस्पताल के शिशु वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट के चलते भीषण आग लग गई. खबर है कि हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई है और 37 को सुरक्षित बचा लिया गया है. आग लगने से अस्पताल में भगदड़ मच गई. इस हादसे में कई परिवारों ने अपने मासूमों को खो दिया.
पीड़ित परिवारों ने बयां किया दुख
आजतक से बात करते हुए पीड़ित पिता कुलदीप का आक्रोश साफ झलक रहा था. उन्होंने बताया कि मेरा बेटा 7-8 घंटे से गायब है. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई अधिकारी मदद के नाम पर उनसे मिलने नहीं आया है. कुलदीप ने बताया कि हादसे के वक्त वार्ड में करीब 50 बच्चे थे. जब आग लगी तो जिनके बच्चे थे उन्होंने ही भीतर घुसकर बच्चों को बचाया.
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लेकिन ललितपुर की संजना के भीतर कोई आक्रोश नहीं है, सिर्फ दुख और पीड़ा है. उनसे पूछा गया, ‘आपके बच्चे की क्या हालत है?’ धीमी आवाज में संजना कहती हैं, ‘हमारा बच्चा जल गया.’ ‘कितना जला है?’ संजना ने जवाब दिया, ‘हमने देखा नहीं… पूरा’. ‘जिंदा है?’ उन्होंने कहा, ‘नहीं’. ये संजना का पहला बच्चा था.
वार्ड से बच्चों को बचाने वाले याकूब ने बताया कि मेनगेट से कोई जा नहीं पा रहा था इसलिए उन्होंने ईंट-पत्थरों से खिड़की तोड़कर बच्चों को बचाया. इस दौरान कई लोग बच्चों को लेकर भाग भी गए. अस्पताल परिसर में मौजूद एक और शख्स ने बताया कि हादसे में उनके बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की डिलीवरी ललितपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में हुई थी जहां से उसे सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था लेकिन बीती रात आग में जलकर उसकी जान चली गई.
10 बच्चों की मौत, 16 घायल
बीती रात झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भीषण आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर घायल हो गए. यह हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ माना जा रहा है.
आग लगने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई. परिजन और मरीज जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. हादसे के समय NICU में कुल 54 बच्चे भर्ती थे.
CM योगी ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को “दिल दहला देने वाला” बताया और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज के NICU में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है. जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य करने का निर्देश दिया गया है. मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें.’
कैसे लगी आग?
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे की वजह माना जा रहा है. SSP ने कहा, ‘इस घटना के पीछे किन परिस्थितियों या लापरवाही की वजह से आग लगी, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है.’ उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए. NICU में भर्ती बच्चों की स्थिति का सत्यापन किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज ने बताया कि हादसे के समय 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है.
1968 में शुरू हुआ यह सरकारी मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है. घटना के बाद NICU में बचाव कार्य रात 1 बजे तक पूरा कर लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि घटना से संबंधित सभी तथ्यों को खंगालने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी.