महाराष्ट्र की राजधानी में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई के दूसरे दिन कई हस्तियों ने शिरकत किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए. नितिन गडकरी ने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की. उन्होंने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि एक बार जब मैं मार्केट में गया था और पैसे की जरूरत थी तब 1200 करोड़ रुपये जुटाए थे, उस समय रतन टाटा और धीरूभाई अंबानी भी हैरान हो गए थे. धीरूभाई अंबानी ने मुझसे कहा था कि आप तो हमसे भी बड़े होशियार हो.
शेयर बाजार से जुटाए 1200 करोड़ रुपये
नितिन गडकरी ने कहा कि मैं बिजनेस का अच्छा जानकार हूं. उन्होंने कहा कि मेरा गुडविल है कि जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में गया था, तब 7 दिन के बजाय 7 घंटे में सेवेन टाइम गवर्नमेंट बॉन्ड सब्सक्राइब हुआ था. उन्होंने धीरूभाई अंबानी और रतन टाटा से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि मुझे मुंबई वर्ली फ्लाईओवर के लिए और पैसे की जरूरत थी, तब मैंने मार्केट से 1200 करोड़ रुपये जुटाए थे. तब धीरूभाई अंबानी और रतन टाटा थे, उन्होंने कहा कि आप हमसे भी बड़े होशियार निकले.
खत्म हो जाएंगे सड़कों पर गड्ढे
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नितिन गडकरी ने कहा कि अगर आप कहीं जाएं तो बदली हुई तस्वीर दिखाई देती है. हर जगह समस्याएं हैं- एक्सीडेंट भी हो रहे हैं और गड्ढे भी हैं. बारिश होने के बाद गड्ढे आते हैं. बारिश ज्यादा होने से अच्छा बनने वाला रोड भी उखड़ जाता है. नितिश गडकरी ने कहा कि कश्मीर से लेकर कई ऐसे टनल देश में बने हुए हैं,जहां गड्ढे नहीं है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि सड़के पर गड्ढे नहीं हों. जिस कारण हम लोग एक नई टेक्नोलॉजी लेकर आ रहे हैं, जिससे हाईवे और अन्य रोड पर गड्ढे नहीं होंगे. इस टेक्नोलॉजी के तहत आठ इंच तक कंकरीट डाले जाएंगे, जिससे रोड पर गड्ढे नहीं होंगे.
नितिन गडकरी ने कहा कि पार्टी के साथ कोई मतभेद नहीं है, पिछले लोकसभा चुनाव में हमने करीब 55 सभाएं की थीं. राजनीति में बढ़ती कटुता के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे पास किसी भी पार्टी के नेता आते हैं, तो मैं डिपार्टमेंट से कहता हूं कि सबका काम होना चाहिए. मेरा मानना है कि राजनीति में विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन संबंध सबके साथ अच्छा होना चाहिए.
इकोनॉमी पर क्या बोले मंत्री?
भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनाना, इसके लिए हमने बेहतर काम किया है. उन्होंने कहा कि जो पिछले 60 सालों में नहीं हुआ, वह हमने 10 साल में करके दिखाया और मैं यकीन के साथ कह रहा हूं कि 2047 तक भारत विकसित देश बनकर उभरेगा.
हजारों लोगों को मिल रहा रोजगार
400 रुपये में कॉटन की साड़ी, बॉयो फ्यूल बनाता हूं, बालों से एसिड बनाता हूं. मैं एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं, जिससे विदर्भ में 10 हजार किसानों ने आत्महत्या की, वह दोबारा ना हो. इसके लिए मैं अपनी पूरी जिंदगी लगा दी है. मैं एक सोशल विनर हूं… मैं जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं. उसका टर्नओभर 2500 करोड़ का है. इसका मालिक मैं नहीं हूं, इसके तहत सभी की हिस्सेदारी है. इसके तहत हजारों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.