सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार एक अहम आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों के साथ-साथ कॉलेजों में जहां भी संभव हो वहां राज्य सरकारें पढ़ाई का हाइब्रिड मॉडल लागू करें जिससे फिजिकल और ऑनलाइन दोनों तरह की कक्षाओं की अनुमति मिल सके.
ऑनलाइन मोड का विकल्प छात्रों और उनके अभिभावकों के पास होगा, यानि अगर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं और नहीं चाहते हैं वह ऑनलाइन मोड में क्लास का विक्लप चुन सकते हैं.
वायु गुणवत्ता नियंत्रण पैनल का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आया है, जिसमें पैनल से CAQM से दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों और कॉलेजों में फिजिकल क्लासेस फिर से खोलने का आकलन करने को कहा गया था. इसके बाद स्कूलों के पास फिजिकल और ऑनलाइन दोनों मोड में स्कूल चलाने का विकल्प होगा.
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In compliance of the Hon’ble Supreme Court’s directives on date, the Commission has ordered the following with immedate effect and until further orders:
Contd. (1/4)— Commission for Air Quality Management (@CAQM_Official) November 25, 2024
आदेश में कही गई ये बात
CAQM ने आगे कहा कि आम तौर पर सर्दियों के महीनों में नवंबर से जनवरी के बीच काफी लंबे समय तक प्रदूषण हावी रहता है ऐसे में हवा की गुणवत्ता को देखते हुए GRAP चरण III / IV को लागू करने की जरूरत होती है.ऐसे प्रतिबंधों का शैक्षिक प्रणाली और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.
इन छात्रों को कक्षाओं के साथ-साथ परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए फिजिकल मोड में कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता होती है. इसके अलावा,छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त कक्षाओं/ट्यूशन में की भी जरूरत होती है.
ग्रैप में दी गई ढील
पैनल ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 3 और जीआरएपी IV के तहत कई प्रतिबंधों में ढील दी है, जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में स्कूलों और कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थानों को हाइब्रिड मोड में काम करने की अनुमति मिल गई है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान IV (ग्रैप IV) के तहत वर्तमान में लागू कुछ उपायों में छूट देने पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की थी.
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इसे लेकर कुछ माता-पिता ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि हर घर में स्वच्छ हवा नहीं है और सभी के पास बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं के लिए तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के “गंभीर से अधिक” श्रेणी में पहुंचने के बाद सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था. कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया गया था.