बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर छात्रों का आंदोलन तेज हो गया है. री-एग्जाम की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की तैयारी कर ली है. इस प्रदर्शन में लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों के साथ अन्य विपक्षी दलों के छात्र संगठन भी शामिल हो गए हैं. छात्रों सपोर्ट में जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर अनशन पर बैठे गए हैं.
प्रशांत किशोर का अनशन शुरू
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनेता प्रशांत किशोर ने छात्रों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में अनशन शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए छात्रों की मांगों पर ध्यान देने की अपील की थी. लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है. प्रशांत किशोर ने कहा, “छात्रों की जायज मांगों को अनसुना करना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. मैं इस अनशन के माध्यम से सरकार को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाना चाहता हूं.”
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वहीं प्रशासन, प्रशांत किशोर के खिलाफ मामला दर्ज कर जल्द ही कोई एक्शन ले सकती है. पटना डीएम ने गांधी मैदान में धरना खत्म करने को कहा है.
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मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च
इससे पहले AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और RYA (रिवॉल्यूशनरी यंगस्टर्स एसोसिएशन) जैसे संगठनों के छात्र प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को पटना के गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च शुरू किया था. छात्रों की मांग है कि BPSC परीक्षा को रद्द कर इसे नए सिरे से पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए.
लाठीचार्ज और वाटर कैनन से बढ़ा आक्रोश
चार दिन पहले पटना में छात्रों के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल ने छात्रों और उनके संगठनों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है. छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे.
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सरकार की चुप्पी!
अब तक सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. छात्रों और विपक्षी दलों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. पटना में बढ़ते इस आंदोलन ने बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है.