केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बोरीवली में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मंच से एमवीए नेताओं पर तीखा प्रहार किया तो वहीं कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर भी हमला बोला. अमित शाह ने महाअघाड़ी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्ता के लालच में महाअघाड़ी के नेता इतने अंधे हो चुके हैं कि पिछड़े, दलित और आदिवासियों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने जनता से अपील की कि वे महाअघाड़ी के इस मंसूबे को कभी सफल न होने दें और उन्हें सत्ता से दूर ही रखें.
अमित शाह ने कहा कि महाअघाड़ी सरकार मौलानाओं को तनख्वाह देने, मुस्लिमों को आरक्षण देने और हिंसा फैलाने वाले मुस्लिमों की जेल से रिहाई की सोच के साथ तुष्टिकरण की हदें पार कर चुकी है. जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, दशकों से मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
पीएम मोदी ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर महाराष्ट्र का सम्मान किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 अक्टूबर, 2024 को मराठी भाषा को शास्त्रीय दर्जा देने को मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि “कर्नाटक में, वक्फ बोर्ड ने किसानों की जमीनें, 100-300 साल पुराने मंदिर, लोगों के घर हस्तांतरित कर दिए, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होगा.
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शाह ने इंडी अलायंस को चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे कितना भी विरोध कर लें, मोदी सरकार वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करने के लिए डंके की चोट पर तैयार है. उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए पूछा, “धारा 370, राम मंदिर और संभाजीनगर के नाम का विरोध करने वाले उद्धव जी, सत्ता के लिए और कितना नीचे गिरेंगे?” इसके अलावा, शाह ने पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की तारीफ की, जिन्होंने महाराष्ट्र में किसानों की समृद्धि, महिलाओं की सुरक्षा और गरीबों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू की हैं. इसके विपरीत, महाअघाड़ी की नीतियों को केवल वोट बैंक की राजनीति तक सीमित बताया.