प्रेमानंद जी ने कहा, ‘एक बार देवी सीता मांग में सिंदूर लगा रही थीं. तभी अचानक हनुमान वहां आ गए और बड़ी चंचलता के साथ पूछा कि माता ये क्या है?’
प्रेमानंद जी ने कहा, ‘एक बार देवी सीता मांग में सिंदूर लगा रही थीं. तभी अचानक हनुमान वहां आ गए और बड़ी चंचलता के साथ पूछा कि माता ये क्या है?’