उत्तराखंड: नहीं थे एंबुलेंस के पैसे, भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195KM दूर ले जाने को मजबूर हुई बहन – sister was forced to tie brother’s body on the roof of a taxi and take it 195KM away in uttarakhand ntc

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निजी एम्बुलेंस सेवा का खर्च वहन करने में असमर्थ एक महिला अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ जिले के एक गांव ले गई. घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए और अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. पुलिस के मुताबिक बेरीनाग के एक गांव की निवासी शिवानी (22) अपने छोटे भाई अभिषेक (20) के साथ रहती थी.

शुक्रवार को अभिषेक काम से जल्दी घर आया और सिर दर्द की शिकायत की. बाद में उसे रेलवे ट्रैक के पास बेहोशी की हालत में पाया गया और उसे इलाज के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को शव शिवानी को सौंप दिया.

एंबुलेंस चालकों ने मांगे हजारों रुपये 

शिवानी ने अपने भाई के शव को घर ले जाने के लिए शवगृह के बाहर खड़े कई एम्बुलेंस चालकों से बात की, लेकिन उन्होंने 10,000-12,000 रुपये किराया मांगा. किराया देने में असमर्थ होने के कारण उसने अपने गांव से एक टैक्सी चालक को बुलाया और भाई के शव को वाहन की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

क्या बोले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल

घटना के बारे में पूछे जाने पर सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि घटना अस्पताल के बाहर हुई, इसलिए उनके संज्ञान में नहीं आई. उन्होंने कहा, अगर यह अस्पताल के अंदर हुआ होता या मुझसे मदद मांगी गई होती तो मैं मदद करता.

अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के रिश्तेदारों ने बताया कि निजी एंबुलेंसों की निगरानी कोई नहीं करता और वे मरीजों को ले जाने के लिए मनमाना किराया वसूलते हैं. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि धामी ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार को मामले की विस्तृत जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.

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