चाणक्य के अनुसार, लोभ की वजह से ही दुश्मन की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. गलत फैसलों के चक्कर में वह आपके सामने घुटने टेक देता है.
चाणक्य के अनुसार, लोभ की वजह से ही दुश्मन की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. गलत फैसलों के चक्कर में वह आपके सामने घुटने टेक देता है.