46 साल पुराने मंदिर, कुओं का भी हुआ सर्वे… ASI रिपोर्ट खोलेगी संभल के कई राज? – Sambhal 46 year old temple and wells were also surveyed Will ASI report reveal many secrets ntc

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उत्तर प्रदेश का संभल देश की सियासी दस्तक के केंद्र बना हुआ है, संभल में ASI की टीम ने 5 तीर्थ और 19 कूपों का सर्वे किया. ASI ने अपनी इस कार्रवाई को पूरी तरह से गुप्त रखा और चुपचाप दिनभर अपने काम में लगी रही. जुमे की नमाज को देखते हुए संभल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन सबकी नजरें ASI के सर्वे पर लगी रहीं. जिसकी रिपोर्ट संभल के कई राज खोल सकती है.

उत्तर प्रदेश स्थित संभल में 14 दिसंबर को 46 साल पुराने मंदिर को खोले जाने के बाद जिलाधिकारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद 4 सदस्यीय एएसआई टीम निरीक्षण के लिए संभल पहुंची. ASI की टीम के आने से पहले मंदिर के पास के कुएं के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई. मंदिर में पूजा-पाठ के बीच ASI की टीम पहुंची. सवाल ये है कि संभल में मिले पुराने मंदिर में ASI की टीम को सर्वे में क्या मिला? 

ASI की टीम ने कुओं के फोटो भी लिए

संभल में अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ सरकारी मुहिम के दौरान कार्तिकेय महादेव मंदिर के बारे में देश ने जाना था. दावा किया गया कि साल 1978 में संभल के दंगे के बाद वहां से लोगों का पलायन हुआ और मंदिर बंद हो गया. न सिर्फ मंदिर, बल्कि आसपास कुछ कूप यानी कुएं भी मिले जो बंद थे. उनको भी अब खुलावाया गया. ASI की टीम जब यहां पहुंची, तो उसके सदस्यों ने कुएं का निरीक्षण किया और फोटो भी लिए.

ASI की टीम ने 5 अलग-अलग जगहों का सर्वे किया

ASI के सर्वे को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया, ASI की टीम ने पांच अलग-अलग जगहों का सर्वे किया है, जिसमें -भद्रकाश्रम -स्वर्गदीप -चक्रपाणि -प्राचीन तीर्थ श्मशान मंदिर और 19 कूप शामिल हैं. संभल में ASI की टीम ने एक जगह पुराने पत्थर की भी जांच की, जिसमें टूटी फूटी आकृतियां उभरी हुई दिखीं. ASI सर्वे के बाद अब उसकी रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे पता चल सकेगा कि संभल में मिला ये मंदिर और ये कुआं कौन सी सदी का है और इसका महत्व क्या है.

कभी पूरा मोहल्ला पीता था इस कुएं का पानी

संभल में ASI की टीम ने कार्तिकेय महादेव मंदिर में जाकर भी सर्वे किया, उस कुएं की भी जांच की, जहां दावा है कि कभी पूरा मोहल्ला पानी पिया करता था. उसका जल मंदिर की पूजा-पाठ में इस्तेमाल होता था. संभल में ASI की रिपोर्ट में क्या मिला ये तो आगे पता चलेगा. संभल में मिले 2 मंदिरों का ASI ने जाकर सर्वे किया, उन मंदिरों में कई बातें समान थीं. जैसे दोनों मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में थे, दशकों से बंद पडे थे, अतिक्रमण के शिकार थे.  

अलग ही कहानी बयां करती है मंदिर के शिखर की तस्वीर

संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर के शिखर की तस्वीर एक अलग ही कहानी बयां करती है, और उस दावे को पुख्ता करती है कि ऐसे ही वर्षों पुराने मंदिरों को अतिक्रमण करके उनके अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश हुई, इस मंदिर की दीवार से सटे घर की एक बालकनी मंदिर के शिखर के ऊपर बनाई गई. दूसरी बालकनी भी मंदिर से बिलकुल सटी हुई है और मंदिर की तरफ अतिक्रमण करके बनाई गई है. दावा है कि इस तरह अतिक्रमण करके एक सैकड़ों साल पुराने मंदिर के वजूद को खत्म किया जा रहा था, जिसकी जड़ में 1978 का दंगा यहां रहते आए लोग बताते हैं.



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