हिंदुत्व के सहारे पार होगी दिल्ली की चुनावी नैया? इलेक्शन को लेकर सियासी दलों ने बदली रणनीति – Delhi Assembly Elections Will victory be achieved through Hindutva Aam Aadmi Party BJP Congress changed their strategy Yogi Adityanath slogan bantenge to katenge Kejriwal ntc

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

दिल्ली में चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. यूपी के सीएम योगी जब दिल्ली में रैली करते हैं अपनी पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखा दिखता है कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’… तो हिंदुत्व के मुद्दे को वो एक बार फिर सामने ला रहे हैं. क्या हरियाणा और महाराष्ट्र में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले फॉर्मूले को सामने रखने के बाद मिली जीत से बीजेपी ये मान रही है कि सीएम योगी का ये नारा चलेगा. वहीं पीएम मोदी ने नारा दिया था कि ‘एक हैं तो सेफ’ हैं. तो क्या एक बार फिर बीजेपी हिंदुत्व के भरोसे है. वहीं आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है.अक्सर हर मंच पर हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वो पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपए हर महीने देंगे. ऐसे में सवाल ये है कि क्या हिंदू वोटों को अपनी तरफ करने की कोशिश रंग लाएगी?

दरअसल, दिल्ली के चुनावी दंगल में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे ने नया एंगल दे दिया है. ‘जय श्रीराम’ की गूंज से बीजेपी के चुनावी प्रचार को शक्तिवर्धक टॉनिक मिला है, तो आम आदमी पार्टी को अपने पुरातन चुनावी रणनीति में बदलाव की चुनौती. 5 फरवरी को देर शाम तक दिल्ली का सियासी फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा, लेकिन उस फैसले को अपने हक में करने के लिए तीनों बड़ी पार्टियां (बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस) अब हिंदुत्व के सहारे नतीजों की वैतरणी पार करने में जोर लगा रही हैं. 

अब दिल्ली चुनाव में हिंदू, मंदिर, पुजारी, यमुना मईया, चार धाम यात्रा, सनातन सेवा समिति… के मुद्दे उठ चुके हैं. यूपी के मुख्यमंत्री और बीजेपी के हिंदुत्ववाद के पोस्टर बॉय योगी आदित्यनाथ दिल्ली आकर केजरीवाल को चुनौती पर चुनौती दे रहे हैं. हिंदुत्व को लेकर तीनों दलों ने अपने-अपने पिटारे को भी हल्का करने का ऐलान किया है. 

तीनों पार्टियों के अपने-अपने ऐलान

आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि अगर वो सत्ता में आई तो ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ लागू करेगी. जिसमें मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को प्रतिमाह 18 हजार रुपये दिए जाएंगे. इसके जवाब में बीजेपी ने मंदिरों और गुरुद्वारों समेत दूसरे पूजा स्थलों को हर महीने 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है. वहीं, कांग्रेस ने दलित मतदाताओं को चार धाम यात्रा कराने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी ने पुजारी-ग्रंथी योजना के बाद अब सनातन सेवा समिति की शुरुआत की है, तो बीजेपी ने भव्य महाभारत कॉरिडोर बनाने का संकल्प लिया है. कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आने पर बौद्ध स्थलों के लिए भी मुफ्त तीर्थयात्रा की व्यवस्था करेंगे.

हिंदुत्व का हितैषी बनने की होड़

आलम ये है कि आम आदमी पार्टी और विपक्षी बीजेपी के बीच पुजारियों और हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा हितैषी बनने की होड़ लगी हुई है. केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने दिल्ली में यमुना की आरती भी उतारी थी, लेकिन चुनावी माहौल में उसी यमुना को लेकर योगी ने केजरीवाल को नई चुनौती दे दी है. बीजेपी ने केजरीवाल को ‘चुनावी हिंदू’ बताते हुए पोस्टर भी जारी कर दिया है. अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिल्ली में आकर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ वाले अपने मजबूत नारे से वोटों पर सटीक निशाना लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अबकी बार दिल्ली में भी हाथ आजमा रहे ओवैसी ने धर्म को लेकर दोनों दलों पर धावा बोला है. इस बार का दिल्ली चुनाव कई मायनों में बेहद खास रहने वाला है. मुफ्त की योजनाओं की बाढ़ है, लेकिन साथ ही साथ हिंदुत्व के सबसे बड़े पुरोधा साबित करने की होड़ भी है.

इन राज्यों के चुनावों में चर्चा में आया था ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा 

हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड… तीन राज्यों के चुनाव में जब योगी आदित्यनाथ प्रचार करने पहुंचे तो नारा चर्चा में आया ‘बंटेंगे तो कटेंगे’. इस नारे का मकसद था हिंदू बहुसंख्यक वोट को बीजेपी के पास एकजुट करना. इसके बाद दिल्ली में जब सीएम योगी 23 जनवरी 2025 को प्रचार करने पहुंचे तो नारा तो पहले दिन नहीं दोहराया, लेकिन अवैध बांग्लादेशी से लेकर दिल्ली दंगों के उन दाग का मुद्दा उठाया, जिनसे हिंदुत्व के दिल्ली टेस्ट में मुकाबला कांटे का होने लगा है. 
 

Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Never miss any important news. Subscribe to our newsletter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *