पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सीएम नीतीश कुमार और बिहार पुलिस पर निशाना साधा है. सुरक्षा पाने के लिए खुद के ही करीबियों द्वारा धमकी दिलाने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है. सांसद ने पुलिस के दावों को सिरे से खारिज करते हुए ‘X’ पर पोस्ट लिखी और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा, “आपकी पुलिस मानसिक रूप से दिवालिया हो गई है. यह वही व्यवहार कर रही है जो दिवंगत कांग्रेस विधायक हेमंत शाही जी को गोली लगने पर तत्कालीन सरकार ने किया था.” उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी ने पैसे देकर धमकी दिलवाई है, तो पुलिस नाम का खुलासा करे और उसे गिरफ्तार करे.
पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस झूठ फैला कर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है और हत्यारों को शह दे रही है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें पहले भी कई बार मलेशिया, पाकिस्तान और नेपाल से धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.
पुलिस का बड़ा खुलासा
पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने धमकी देने के मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए भोजपुर के शाहपुर से राम बाबू राय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एसपी के अनुसार, आरोपी ने स्वीकार किया है कि पप्पू यादव के कुछ करीबी लोगों ने उसे वीडियो बनाने और धमकी देने के लिए पैसे दिए थे. इसके अलावा, उसे पार्टी में पद देने का लालच भी दिया गया था. गिरफ्तार व्यक्ति ने यह भी कबूला कि वह पूर्व में पप्पू यादव का करीबी रहा है और उनकी पार्टी का सदस्य भी था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई संबंध नहीं है और यह धमकी सांसद द्वारा अपनी सुरक्षा बढ़ाने की साजिश का हिस्सा लगती है.
सम्बंधित ख़बरें
धमकी भरे वीडियो का मामला
1 दिसंबर की सुबह पप्पू यादव को 13 सेकेंड का एक धमकी भरा वीडियो भेजा गया था. इसमें आरोपी राम बाबू राय ने खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सदस्य बताते हुए कहा था, “हमें पप्पू यादव को 5-6 दिनों में मारने का आदेश मिला है. हम जल्द ही उन्हें मार देंगे.” इस वीडियो के बाद पुलिस हरकत में आई और 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस और सांसद आमने-सामने
पुलिस का दावा है कि यह मामला सांसद की सुरक्षा बढ़ाने की साजिश का हिस्सा है. वहीं, पप्पू यादव इसे सिरे से नकारते हुए इसे पुलिस की साजिश बता रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि पुलिस उन नामों का खुलासा करे, जो इस षड्यंत्र में शामिल हैं.