महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सूबे का सियासी पारा हाई होता जा रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर अजित पवार ने सवाल उठाए हैं. अजित ने कहा कि महाराष्ट्र शिवाजी, आंबेडकर, शाहू जी महाराज की धरती है. महाराष्ट्र में बाहर के लोग आकर ऐसे विचार बोल जाते हैं, दूसरे राज्यों के बीजेपी सीएम तय करें कि उन्हें क्या बोलना है. इसके साथ ही उनकी पार्टी के नेता नवाब मलिक ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं, उन्हें इसका फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होगा.
शिवसेना नेता संजय निरूपम ने कहा था कि अजीत दादा नहीं समझ रहे हैं, लेकिन आगे समझ जाएंगे. ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ ये लाइन बिल्कुल ठीक है. इस पर नवाब मलिक ने कहा कि शिवसेना का नजरिया बदल रहा है.
‘कोई नकारात्मक राजनीतिक करेगा तो लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे’
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अजित पवार के बयान को लेकर नवाब मलिक ने कहा कि हमारी पार्टी की विचारधारा साफ है, हम धर्म पर आधारित राजनीति नहीं करते. हमें ऐसी पॉलिटिक्स स्वीकार नहीं है. हमार धर्मनिरपेक्षता औऱ लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं. हमारा स्पष्ट मत है कि अगर कोई ऐसा बयान देता है तो वह गलत है. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता ही भारत की एकता का मूलमंत्र है. चुनाव में ऐसे बयान देने से उसकी चर्चा हो जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि एकता ही सबसे बड़ा मंत्र है. अगर कोई नकारात्मक राजनीतिक करेगा तो लोग उसे स्वीकार नहीं करते, यूपी का नतीजा दर्शाता है कि ऐसे बयानों को लोगों की सहमति नहीं है.
‘हम बंटवारे की राजनीति नहीं करते’
एनसीपी कैंडिडेट नवाब मलिक ने कहा कि हमारी राजनीति साफ है कि महाराष्ट्र में जो भी ऐसी राजनीति करता है, अजितजी उसके खिलाफ खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ दल ऐसे भी हैं जो मुस्लिमों का वोट चाहते हैं, लेकिन उनके मुद्दों पर बोलने से परहेज करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को साथ में लेकर चलना चाहते हैं. जो भी बंटवारे की राजनीति करते हैं, उन्हें भी हम मैसेज देना चाहते हैं कि आप ऐसी राजनीति न करें, ये देशहित और जनहित में नहीं है. हम ऐसी राजनीति नहीं करते.
‘मोदीजी की पार्टी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रही’
एनसीपी अपनी चुनावी रैली में पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर रही है, इस पर नवाब मलिक ने कहा कि मोदीजी की पार्टी तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रही है. उन्होंने कहा कि ये हमारी मर्जी है कि हम किसका फोटो इस्तेमाल करें, किसके नाम पर वोट मांगें. हम अपनी विचारधारा पर वोट मांग रहे हैं, हम अपने नेताओं का फोटो इस्तेमाल करेंगे. हम अपने विचारों पर डटकर खड़े हुए हैं. विचारों से हमारा कोई समझौता नहीं है.