बठिंडा के दूनेवाला गांव में शुक्रवार को किसानों और पुलिस के बीच जोरदार टकराव हुआ. यह विवाद भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित जमीन के मुआवजे में बड़े अंतर को लेकर था. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहा) के नेतृत्व में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.
सुबह से ही पंजाब के विभिन्न हिस्सों से किसान बठिंडा के माइसर खाना गांव में जुटने लगे. संगरूर से आए किसानों ने पुलिस के नाकों को तोड़ते हुए दूनेवाला गांव में प्रवेश किया. यहां पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. करीब 30-35 मिनट तक झड़प जारी रही, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए.
किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प
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बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के बाद किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया. इस झड़प में कई पुलिस कर्मचारी व किसान जख्मी हो गए. जिला प्रशासन की तरफ से वीरवार को गांव शेरगढ़, भगवानगढ़ व दुन्नेवाला में प्रोजेक्ट के लिए जमीन को एक्वायर किया था. इसका किसानों ने विरोध भी किया, लेकिन किसान यूनियन उगराहां ने ऐलान किया कि शुक्रवार को पूरे पंजाब के किसान इकट्ठे होकर प्रशासन द्वारा लिए गए कब्जे को वापिस किसानों को कब्जा दिलाएंगे.
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहा) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहा के नेतृत्व में किसानों का काफिला भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित जमीन पर दोबारा कब्जा करने के लिए बढ़ रहा था. किसानों का कहना है कि जमीन के मुआवजे में 25-30 लाख रुपये का अंतर है. कुछ स्थानों पर मुआवजा ज्यादा और कुछ जगहों पर कम दिया जा रहा है, जिससे किसान नाराज हैं.
झंडा सिंह जेठूके ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी
किसान नेता झंडा सिंह जेठूके ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले फेंके गए. इससे किसानों में भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर मुआवजे का फर्क दूर नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज होगा.