बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बराबर का दर्जा दे दिया है. लालू प्रसाद यादव फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन उनके साथ-साथ तेजस्वी यादव को भी अनौपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष के बराबर का दर्जा मिल गया है.
लालू प्रसाद के द्वारा तेजस्वी यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बराबर का दर्जा दिए जाने के बाद अब इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या अब पार्टी के अंदर तेजस्वी युग की शुरुआत हो गई है ?
तेजस्वी के लिए पार्टी संविधान में बदलाव
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दरअसल, शनिवार को पटना में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन इन सब के बीच जो सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है वो ये है कि आरजेडी के संविधान की धारा 35 A में संशोधन किया गया है. इसके बाद अब लालू के साथ-साथ तेजस्वी यादव को पार्टी से जुड़े सभी बड़े फैसले और साथ ही चुनाव में सिंबल जारी करने का अधिकार भी प्राप्त हो गया है.
इसके तहत राष्ट्रीय जनता दल के नाम या सिंबल पर किसी तरह का बदलाव अगर होता है तो उसके लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी ही एकमात्र अधिकृत व्यक्ति होंगे. इसका मतलब यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर लालू प्रसाद जो पार्टी के फैसले ले सकते थे वही फैसला अब तेजस्वी यादव भी ले सकेंगे, हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी बाकी है.
तेज प्रताप और मीसा की आरजेडी में क्या होगी भूमिका ?
जानकारी के मुताबिक इसको लेकर आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता की तरफ से संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से बैठक में पारित किया गया. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव को लालू प्रसाद के बराबरी का दर्जा मिलने के बाद अब यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप और बड़ी बेटी मीसा भारती की पार्टी में क्या भूमिका रहेगी ?
दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी आरजेडी
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि राष्ट्रीय जनता दल दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि आने वाले समय में दिल्ली के नगर निगम का चुनाव लड़ेगी. बैठक में तेजस्वी यादव ने इशारों ही इशारों में बिना कांग्रेस और सहयोगी दलों का नाम लिए हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल भविष्य में बीजेपी को फायदा ना हो जाए इसके लिए पार्टी त्याग और कुर्बानी गठबंधन में नहीं करेगी. तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अब ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
सहयोगियों के लिए कुर्बानी नहीं देगी आरजेडी
तेजस्वी यादव ने इशारों ही इशारों में स्पष्ट किया कि गठबंधन में कुर्बानी देने की जिम्मेदारी केवल आरजेडी की ही नहीं है बल्कि अन्य घटक दलों की भी है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी अपने संबोधन में तेजस्वी यादव की प्रशंसा की और कहा कि उसे मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता है.