एकनाथ शिंदे CM पद की रेस से बाहर… देवेंद्र फडणवीस के सिर सजेगा ताज या सरप्राइज करेगी बीजेपी? – Eknath Shinde out of race for CM post Will Fadnavis become chief minister or will BJP do a coup ntc

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महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? इससे पहले ये तो तय हो गया है कि मुख्यमंत्री किस पार्टी का मुख्यमंत्री होगा. कारण, एकनाथ शिंदे ने बुधवार को साफ कर दिया कि उन्हें BJP का मुख्यमंत्री मंजूर होगा. इसके बाद अब फडणवीस का दावा सीएम की कुर्सी पर पुख्ता माना जा रहा है. हांलाकि BJP में आखिरी पलों में किसी नए दावेदार के नाम की दस्तक से इनकार नहीं किया जा सकता.

2 साल पहले देवेंद्र फडणवीस के बलिदान की वजह से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे क्या BJP के मुख्यमंत्री के लिए सीएम की कुर्सी से दावा छोड़ेंगे? इस पर सबकी नजर थी. क्योंकि जीत के बाद एकनाथ शिंदे के लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर लगातार दावा ठोक रहे थे. इसे देखते हुए लग रहा था कि एकनाथ शिंदे को मनाना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. लेकिन शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुद ही BJP के लिए रास्ता आसान कर दिया .

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जब ठाणे में मीडिया में बात कर रहे थे. उस वक्त देवेंद्र फडणवीस नागपुर में थे. माना जा रहा है कि 29 नवंबर को मुंबई में होने वाली विधायकों की बैठक में फडणवीस को औपचारिक तौर पर नेता चुना जाएगा. हांलाकि इस पर औपचारिक मुहर लगनी अभी बाकी है. लेकिन इतना जरूर है कि शिंदे के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से हटने के बाद अब सीएम और दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले के तहत शिवसेना से कोई और उप मुख्यमंत्री बन सकता है. लेकिन क्या एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस की तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी से डिप्टी सीएम की कुर्सी पर जाएंगे? ये बड़ा सवाल है.

अमित शाह से मिलेंगे महायुति के तीनों नेता

अब सारी नजरें दिल्ली पर हैं. जहां महायुति के तीनों नेता इकट्ठा होंगे और गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में औपचारिक रूप से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा होगी. और इसके बाद महायुति इसकी घोषणा करेगी. अजित पवार भी संकेत दे चुके हैं कि 30 नवंबर या 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा होने की संभावना है.

तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे फडणवीस?

फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. फडणवीस 2019 में पांच दिन तक सीएम रहे थे. ऐसे में अगर उनकी पांच साल बाद वापसी होती है और पिछली बार की तरह आखिरी पल में कोई उलटफेर नहीं होता तो महाराष्ट्र के सियासी इतिहास का ये बहुत खास पल होगा.

बता दें कि 2014 में देवेंद्र फडणवीस पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। फिर 2019 में देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर को सुबह 8 बजे, सीएम पद की शरथ लेकर सबको चौंकाया। लेकिन महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेल हुआ और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए। इसके 2022 में महाराष्ट्र के अंदर फिर से सियासी खेला हुआ और इस बार एकनाथ शिंदे सीएम बने और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। लेकिन अबकी बार क्या फिर से देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की शपथ लेंगे? ये आने वाले दिनों में साफ हो सकेगा.

एकनाथ शिंदे के बयान से शंका दूर हुई: फडणवीस

शिंदे के बयान पर अब देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. सीएम पद पर शिंदे की दावेदारी के दावों पर उन्होंने कहा, “हमारी महायुति में कभी भी एक-दूसरे के प्रति मतभेद नहीं रहा. हमने हमेशा मिल-बैठकर निर्णय लिए हैं और हमने चुनाव से पहले कहा था कि चुनाव के बाद हम (मुख्यमंत्री पद के बारे में) सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे. कुछ लोगों को शंका थी जिसे एकनाथ शिंदे जी ने आज स्पष्ट कर दिया है. जल्द ही हम अपने नेताओं से मिलेंगे और निर्णय लेंगे.” 

बीजेपी के फैसले का समर्थन करेंगे: एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, “मैंने कल प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को फोन किया और उनसे कहा कि वे (मुख्यमंत्री पद कौन होगा) फैसला करें और उन्हें आश्वासन दिया कि वे जो भी फैसला लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा. हमारी शिवसेना महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के नाम के बीजेपी के फैसले का पूरा समर्थन करेगी. हमारी तरफ से कोई गतिरोधक नहीं है.” 

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने से निराशा हुई है, शिंदे ने कहा, “ऐसी कोई बात नहीं है. आपको याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल का समर्थन किया था. कल दिल्ली में अमित भाई (शाह) के साथ बैठक होगी और सभी संबंधित निर्णय वहीं लिए जाएंगे. नई सरकार बनाने की रूपरेखा को दिल्ली में बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा. मैं हाल के विधानसभा चुनावों में इस शानदार जीत के लिए एक बार फिर महाराष्ट्र के लोगों और मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं.” 

क्यों बैकफुट पर आए शिंदे?

23 नवंबर को नतीजे आने के बाद से अगले मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं. शिवसेना और एनसीपी के साथ-साथ बीजेपी की ओर से भी सीएम को लेकर दावे किए जाने लगे. शिवसेना और एनसीपी ने अपने विधायक दल का नेता चुनकर प्रेशर पॉलिटिक्स भी की. लेकिन पहले एनसीपी और अब शिवसेना बैकफुट पर हैं. 

दरअसल, 288 विधानसभा वाली सीट में महायुति को 230 सीट मिली है. इसमें 132 सीटों पर अकेले बीजेपी को जीत मिली है, जो बहुमत से 13 सीट कम है. सूत्रों की मानें तो जब बीजेपी अकेले 110 सीट के पार गई तो शिवसेना और एनसीपी को ये समझ आने लगा था कि मुख्यमंत्री पद पर उनकी पकड़ कमजोर हो गई है. 

वहीं, एकनाथ शिंदे के मराठा फेस को लेकर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई. लेकिन जिस तरह से बीजेपी को हर वर्ग का वोट मिला उसने इस नैरेटिव को भी तोड़ने का काम किया. फडणवीस 2019 और 2022 में सीएम बनने से चूके थे. इसका भी उनको फायदा मिल रहा है.

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