भारत के संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में चल रही चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सावरकर के विचारों का हवाला दिया. उन्होंने कहा, “मैं अपनी बात की शुरुआत उस सुप्रीम लीडर के विचारों से करना चाहता हूं, जो भाजपा के नहीं, बल्कि आरएसएस के विचारों की आधुनिक व्याख्या के प्रमुख हैं.
राहुल गांधी ने संविधान पर बोलते हुए कहा कि भारतीय संविधान में भारतीयता की कोई झलक नहीं है और यह उस किताब से बेहतर होना चाहिए, जिसके जरिए भारत चलता है. उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए संविधान की किताब के साथ ‘मनुस्मृति’ की किताब भी दिखाई और आरोप लगाया कि सावरकर ने भारतीय संविधान को लेकर टिप्पणी की थी कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है. उन्होंने कहा, “आपके नेता ने जो कहा था, क्या आप उसका अनुसरण कर रहे हैं? क्या आप इस संविधान को पूजा जा रहे हैं जबकि यह भारतीयता से दूर है?”
क्या बोले राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में वीर सावरकर को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा, “इंदिरा गांधी ने मुझसे कहा था कि सावरकर जी ने ब्रिटिश सरकार से समझौता किया था. गांधी जी जेल गए, नेहरू जी जेल गए, लेकिन सावरकर जी ने ब्रिटिश सरकार को माफीनामा भेजा.” राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि “राहुल गांधी कभी सावरकर नहीं बन सकते.”
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निशिकांत दुबे ने किया पलटवार
इसके बाद दुबे ने लोकसभा में कहा,
“1970 में इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर पर डाक टिकट जारी किया.”
“1979 में इंदिरा गांधी ने अपने व्यक्तिगत खाते से सावरकर ट्रस्ट को 11,000 रुपये का दान दिया.”
“सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सावरकर पर डॉक्यूमेंट्री बनाई.”
“1980 में इंदिरा गांधी ने कहा था— ‘सावरकर जैसा सपूत कभी-कभी पैदा होता है.'”
दुबे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को सावरकर पर झूठ फैलाना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कभी सावरकर नहीं बन सकते.”