देश के चर्चित तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनका अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली है. जाकिर हुसैन के निधन पर कला-मनोरंजन जगत से लेकर राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है.
सदैव गूंजेगा वाह ताज: ज्योतिरादित्य सिंधिया
उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक्स पर लिखा, जाकिर हुसैन जी के तबले के बोल एक ऐसी वैश्विक भाषा बोलते थे, जो सीमाओं, संस्कृतियों और पीढ़ियों से परे थी. यह क्लिप उस विरासत को परिभाषित करती है, जिसके माध्यम से हम उन्हें याद करेंगे और उनके योगदान का उत्सव मनाएंगे. उनकी ध्वनि और लय की तरंगे हमारे दिलों में सदैव गूंजेगा, वाह ताज!उनके परिवार, प्रशंसकों और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं ॐ शांति.
The बोल of Zakir Hussain Ji’s tabla spoke a universal language, transcending borders, cultures and generations.
This clip defines how we will remember him, and celebrate his legacy. The sound & vibrations of his rhythm will echo in our hearts forever. सदैव गूंजेगा, वाह ताज!
My… pic.twitter.com/duGIHgnTYY
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— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 15, 2024
शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुख
जाकिर हुसैन के निधन पर देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘संगीत नाटक अकादमी, ग्रैमी, पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, सुप्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद श्री जाकिर हुसैन जी का निधन कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों और प्रशंसकों को यह अथाह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!
उनका जाना अपूर्णीय क्षति: जितिन प्रसाद
वहीं जाकिर हुसैन के निधन पर केंद्र सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद ने एक्स पर लिखा, ‘संगीत नाटक अकादमी और ग्रेमी जैसे पुरस्कारों से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध तबला वादक ‘पद्म विभूषण’ उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति!
असाधारण महारत ने अमर विरासत रची: राज्यवर्धन सिंह राठौर
वहीं राजस्थान सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने जाकिर हुसैन के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, ‘उस्ताद ज़ाकिर हुसैन की तबला पर असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक अमर विरासत रची है, उनके परिवार, दोस्तों और उन असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी कला से छुआ. उनकी धुनें हमारे दिलों में हमेशा गूंजती रहेंगी.
मेरी संवेदना परिवार के साथ : राहुल गांधी
वहीं जाकिर हुसैन के निधन पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है. उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी.’
भारत ने संगीत प्रतिभा और सांस्कृतिक राजदूत खो दिया: खड़गे
जाकिर हुसैन के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, ‘तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन के साथ, भारत और विश्व ने एक संगीत प्रतिभा और सांस्कृतिक राजदूत को खो दिया है, उन्होंने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुनों से सीमाओं और पीढ़ियों के बीच पुल बनाया. पद्म विभूषण से सम्मानित जाकिर हुसैन अपने पिता की विरासत को असाधारण प्रदर्शन के माध्यम से गौरवान्वित करते रहे. उन्हें मिला अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान उनकी इस महानता के प्रमाण हैं. उनके परिवार, दोस्तों और दुनियाभर में उनके प्रशंसकों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं.’
संगीत जगत के लिए अपूर्णीय क्षति: सीएम योगी आदित्यनाथ
चर्चित तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘विश्व विख्यात तबला वादक, ‘पद्म विभूषण’ उस्ताद जाकिर हुसैन जी का निधन अत्यंत दुःखद और संगीत जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और उनके शोकाकुल परिजनों और शोक संतप्त प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!
ज़ाकिर हुसैन साहब का निधन सांस्कृतिक क्षति: प्रियंका गांधी
विश्वविख्यात तबलानवाज, उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत के वैश्विक प्रतिनिधि, पद्मविभूषण उस्ताद ज़ाकिर हुसैन साहब का निधन हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य की बहुत बड़ी क्षति है. उस्ताद ने सिर्फ़ नाद को ही नहीं, शास्त्रीय और फ्यूज़न संगीत के साथ सिनेमा-संगीत को भी अपनी प्रतिभा से बदला और पहले से भी ऊंचा ओहदा दिलाया. पीढ़ियां उनके ऋण से नहीं उबर पाएंगी. वह आने वाले तबलावादकों के मार्गनिर्देशक बने रहेंगे. नमन उस्ताद!