अरविंद केजरीवाल का चुनाव कैंपेन भी दिल्ली में सरकार चलाने जैसी चुनौतियां में फंसा | Opinion – arvind kejriwal election campaign faces challenges like running delhi government opnm1

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

चुनावी वादों की फेहरिस्त में अरविंद केजरीवाल की तरफ से एक और घोषणा हुई है. नई योजना में हिंदुओं के साथ साथ अरविंद केजरीवाल के सिखों के भी वोट लेने की कोशिश लगती है – ये स्कीम है, पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना. 

पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना के तहत दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने सम्मान राशि देने का वादा किया गया है. योजना के तहत हर महीने मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये दिये जाएंगे, बशर्ते आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करने में सफल रहती है. 

स्कीम की जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, पुजारी हमारे सुख-दुख में काम आता है… शादी हो, बच्चे का बर्थडे हो, कोई भी खुशी का मौका हो, या फिर किसी की मौत हो जाये, वो हर वक्त हमारे साथ रहता है. लेकिन, दुर्भाग्य है कि आज तक किसी ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया… देश में ऐसा पहली बार हो रहा है. 

अरविंद केजरीवाल के मुताबिक नई योजना के लिए 31 दिसंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. और, महिला सम्मान योजना की ही तरह रजिस्ट्रेशन के लिए अरविंद केजरीवाल खुद लोगों के बीच जाएंगे.

बीजेपी को केजरीवाल की चेतावनी

महिला सम्मान और संजीवनी योजना को लेकर हुए बवाल के बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को आगाह किया है कि वो आम आदमी  पार्टी की चुनावी योजनाओं में बाधा बनने से बाज आये – वरना पाप लगेगा.

अरविंद केजरीवाल कहते हैं, मैं कल कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर जाकर पुजारियों का रजिस्ट्रेशन करूंगा… मैं बीजेपी से अनुरोध करता हूं कि पुजारियों, और ग्रंथियों के रजिस्ट्रेशन में बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे… रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को नहीं रोकें… अगर बीजेपी ने इस योजना को रोकने की कोशिश की तो उन्हें पाप लगेगा.

असल में, दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने महिला सम्मान योजना के रजिस्ट्रेशन के नाम पर निजी जानकारियां जुटाने के आरोपों जांच का आदेश दे दिया है – और जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस को मिला है. 

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन जरूर करा रहे हैं, लेकिन लगाये गये कैंप सुनसान दिखाई दे रहे हैं. उत्तम नगर के ऐसे ही एक शिविर स्थल पर महिला सम्मान योजना का बोर्ड सड़क पर रखा तो दिखा, लेकिन कुर्सी-टेबल खाली पड़े थे. 

अरविंद केजरीवाल भले ही बीजेपी नेताओं को पाप लगने का श्राप दे रहे हों, लेकिन ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ से जुड़ी शिकायत तो कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने की है. उप राज्यपाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जांच कर ये पता लगाने को कहा है कि क्या कोई ‘अनधिकृत व्यक्ति’ दिल्ली की महिलाओं से मिलकर सम्मान योजना के लिए फॉर्म भरवा रहा है?

बड़ा सवाल ये है कि ये ‘अनधिकृत व्यक्ति’ कौन हो सकते हैं? दिल्ली सरकार के अफसरों की तरफ से अखबारों में दिये गये विज्ञापन के हिसाब से देखें तो योजना के लिए अधिकृत व्यक्ति तो कोई हो ही नहीं सकता, क्योंकि योजना को लेकर कोई नोटिफिकेशन तो जारी नहीं हुआ है. 

जांच के आदेश पर अरविंद केजरीवाल कहते हैं, ‘बीजेपी महिला सम्मान… और संजीवनी योजनाओं से परेशान है, क्योंकि वो दिल्ली चुनाव हार रही है… महिला सम्मान कार्ड, संजीवनी योजना के लिए लाखों लोग रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.’

अरविंद केजरीवाल दावा करते हैं, कई भाजपा नेताओं ने मुझे फोन करके कहा है, हमारे लिए चुनाव खत्म हो गया है… उसके बाद उन्होंने पंजी​करण शिविरों पर उत्पात मचाना शुरू किया है… योजनाओं के लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए वे हमारे शिविरों में गुंडे भेज रहे हैं… पंजीकरण प्रक्रिया को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को कैंपों में भेजा जा रहा है.

क्या दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस’ चल रहा है, लेकिन सिर्फ एक सीट पर

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति केस में प्रवर्तन निदेशालय के जेल भेजने के बाद जमानत पर छूटते ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अब वो जनादेश लेकर ही मुख्यमंत्री बनेंगे. केजरीवाल के मुताबिक, जनादेश आने तक वो दिल्ली में अग्नि परीक्षा देंगे. 

जब तक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, शुरू से ही उनका दिल्ली के उपराज्यपाल से टकराव होता रहा. मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट तक गये, लेकिन आखिर में केंद्र सरकार ने दिल्ली सेवा कानून बनाकर दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री के अधिकारों की हदबंदी कर दी.

अब तो ऐसा लगता है, दिल्ली में सरकार चलाने के लिए अरविंद केजरीवाल जिस तरह जूझ रहे थे, दिल्ली विधानसभा के चुनाव कैंपेन के लिए भी बिल्कुल वैसे ही जूझना होगा. 

अब अगर दिल्ली पुलिस महिला सम्मान योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे किसी व्यक्ति को पकड़ती है, तो उस पर भी बवाल होना पक्का है. क्योंकि, जब सरकार की कोई स्कीम ही नहीं है, तो फॉर्म भरवा रहे किसी भी व्यक्ति को अनधिकृत बताकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. और पुलिस की कार्रवाई तो सबसे पहले गिरफ्तार कर जेल भेजना ही होता है. जेल भेजे जाने और कोर्ट में पेशी तक पकड़े गये व्यक्ति का जो वक्त पुलिस कस्टडी में गुजरता है, वो तो भयावह ही होता है. फिर भला कौन कार्यकर्ता पुलिस के खौफ से फॉर्म भरवाने जाएगा भला?

मुफ्त की चीजें जो दिल्ली सरकार दे रही है, उसमें और अभी अरविंद केजरीवाल जो घोषणाएं कर रहे हैं, बड़ा फर्क है. अभी जो रजिस्ट्रेशन कराये जा रहे हैं, ऐसे काम कई राजनीतिक दल करते रहते हैं. कांग्रेस की ऐसी ही एक योजना को लेकर लोग उसके दफ्तरों पर प्रदर्शन भी कर रहे थे. 

दरअसल, अरविंद केजरीवाल अलग अलग तरीके से बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, और उसकी काट में ये सब रिएक्शन देखने को मिल रहा है. जैसे केजरीवाल ने वोटर लिस्ट से बड़ी संख्या में नाम डिलीट करने का आरोप गया है. आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने तो अपनी पत्नी का ही नाम कटवाने का इल्जाम लगाया है. बीजेपी उल्टे संजय सिंह पर ही बरस पड़ी है. 

बीजेपी ने संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह का एक एफिडेविट दिखाकर धावा बोल दिया है. बीजेपी का कहना है कि शपथपत्र में अनीता सिंह ने खुद को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का वोटर बताया है – अब बीजेपी पूछ रही है कि भला यूपी के वोटर का नाम दिल्ली में कैसे काटा जा सकता है. 

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल का दावा है कि बीजेपी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 5000 वोटर के नाम हटाने और 7500 वोटर के नाम जोड़ने का आवेदन दायर किया है – और ये 15 दिसंबर से चल रहा है. 

अरविंद केजरीवाल के दावे से तो ऐसा लगता है जैसे बीजेपी उनको हराने के लिए ये सब कर रही है. लेकिन, सवाल ये है कि सिर्फ अरविंद केजरीवाल को हरा देने भर से बीजेपी को सत्ता तो मिलने से रही. सत्ता तो बीजेपी को तब हासिल होगी, जब वो पूरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराकर जीत हासिल करे. 

Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Never miss any important news. Subscribe to our newsletter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *