अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वह काफी लंबे समय से बीमार थे. कार्टर का भारत के साथ भी नजदीकी संबंध रहा था. वह भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे. उनकी भारत यात्रा आज भी यहां निशानी के तौर पर है क्योंकि कार्टर के नाम पर यहां एक गांव का नाम रखा गया’कार्टरपुरी’.
भारत की संसद को किया था संबोधित
कार्टर को भारत का मित्र माना जाता था. वह इमरजेंसी के बाद और 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद भारत यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे. 2 जनवरी 1978 को भारतीय संसद को संबोधित करते हुए, कार्टर ने तानाशाही शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी.
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इस गांव का किया था दौरा
कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी 1978 को कार्टर और तत्कालीन फर्स्ट लेडी रोसालिन कार्टर ने नई दिल्ली से एक घंटे की दूरी पर स्थित हरियाणा के दौलतपुर-नसीराबाद गए थे. यह यात्रा इतनी सफल रही कि इसके तुरंत बाद, गांव के निवासियों ने उस क्षेत्र का नाम ‘कार्टरपुरी’ रख दिया और राष्ट्रपति कार्टर के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस के साथ संपर्क में रहे. जब राष्ट्रपति कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो इस गांव में भी जश्न मनाया गया.
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वह भारत यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका भारत से व्यक्तिगत संबंध था. उनकी मां लिलियन, ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ भारत में स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में काम किया था.
बता दें कि कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे. 1 अक्टूबर 1924 को जन्मे कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे. इस दौरान उन्होंने अमेरिका के मिडिल ईस्ट से रिश्तों की नींव रखी.