‘अधिकारियों और पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ क्यों नहीं ले रहे हैं एक्शन?’ प्रदूषण मामले की सुनवाई पर बोला सुप्रीम कोर्ट – Supreme Court asked states and CAQM why no punitive action was taken against farmers for Stubble burning ntc

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दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच में प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान की लगाई गई कड़ी फटकार के बाद आज प्रदूषण के मामले पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अपना पक्ष रखा.

CAQM ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाए गए कदमों पर दाखिल रिपोर्ट के आधार पर कहा कि परामर्श के बाद NCR के वायु गुणवत्ता प्रबंधन की विस्तृत योजना बनाई गई है. आयोग ने बताया कि प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय मानक की तुलना में दिल्ली NCR मे अधिक कड़े उत्सर्जन मानक व मानदंड हैं.

कोर्ट ने पूछे कड़े सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और सीएक्यूएम से पूछा कि पराली जलाने के लिए किसानों और अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? केंद्रीय आयोग की विशेषज्ञता पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तकनीकी सदस्यों की योग्यता के बारे में पूछा और कहा कि पुलिस और राज्य के अधिकारी बैठकों में क्यों नहीं आ रहे हैं? कार्यान्वयन पर रिपोर्ट क्यों नहीं दे रहे हैं?  अगर समिति कार्यान्वयन की समीक्षा नहीं करती है तो कार्यान्वयन कौन करेगा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल नाममात्र का जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है? पराली जलाने वालों और इसे रोकने में विफल रहने वालों के खिलाफ सख्त प्रावधानों का इस्तेमाल करें. केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के दौरान जानबूझकर नरम प्रावधानों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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जाब ने केंद्र से मांगे पैसे

वहीं पंजाब सरकार ने कहा कि फसल प्रबंधन मशीनों के लिए केंद्र और केंद्र सरकार से पैसे की जरूरत है. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि किसानों के पास मशीनों और डीजल के लिए पैसे नहीं हैं. वहीं हरियाणा के वकील का कहना है कि इस साल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं.

CAQM ने दी उठाए गए कदमों की जानकारी

CAQM ने बताया कि किसानों के लिए फसल प्रबंधन उपकरण खरीदने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पंजाब के लिए 150 करोड़ और हरियाणा के लिए 75 करोड़ जारी किए गए हैं. इसके अलावा आयोग ने अपनी स्थापना के बाद से समय-समय पर विभिन्न आदेशों, दिशा-निर्देशों और आधिकारिक संचारों के अलावा 83 वैधानिक निर्देश, 15 परामर्श जारी किए हैं. साथ ही अलग अलग जगहों पर नियमों का उल्लंघन करने वाली 1,099 इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिया गया है.

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इसके अलावा इस साल क्षेत्रीय समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं. जिसमें पूर्ण आयोग, उप समितियों की कई बैठकें शामिल हैं. CAQM की तरफ से कहा गया कि धान की पराली जलाने से निपटने के लिए जून 2021 में मार्गदर्शक ढांचा बनाया गया. साथ ही विस्तृत और निगरानी योग्य राज्य विशिष्ट कार्य योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

इसके अलावा फसल विविधीकरण, बासमती और कम भूसा वाला धान, यथास्थान फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही व्यक्तिगत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी), सहकारी समितियों, एफपीओ आदि को ऐसी मशीनों की खरीद के लिए 80 सब्सिडी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि जरूरतमंद किसानों को आगे किराए पर दिया जा सके.

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