हरियाणा में चुनावी माहौल के बीच आजतक के खास कार्यक्रम ‘पंचायत आजतक हरियाणा 2024’ का भी मंच सजा. इस कार्यक्रम में हरियाणा से राजनीति, खेल और कला समेत विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने शिरकत की. इसी कड़ी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पंचायत आजतक के मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और तमाम सवालों के जवाब दिए. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहने वाला है? इस सवाल के जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘हम पूरी तरह से तैयार हैं. लोकसभा में हाफ किया, विधानसभा में बीजेपी साफ हो जाएगी. कांग्रेस को हरियाणा में जनता से जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है. मैंने जो अनुभव किया है उसके हिसाब से हरियाणा की सभी 36 बिरादरी मन बना चुकी है कि अबकी बार कांग्रेस की सरकार.’
हाईकमान जो भी फैसला लेगा मुझे मंजूर होगा: भूपेंद्र हुड्डा
हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल के जवाब में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की अपनी पद्धति है, उसके हिसाब से हम चलते हैं. विधायक बनेंगे, बहुमत मिलेगी. इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय जानेंगे और केंद्रीय नतृत्व को अवगत कराएंगे. हाईकमान जो भी फैसला लेगा मुझे मंजूर होगा.’
सम्बंधित ख़बरें
हरियाणा में मैंने नहीं, कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिए हैं: भूपेंद्र हुड्डा
ऐसा कहा जा रहा है कि टिकट वितरण में आपकी चली है, आपने ही सबकुछ डिसाइड किया है और इस बात से कुमारी सैलजा नाराज हैं, इस बारे में क्या कहेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘ऐसी कोई बात नहीं है. यह व्यक्ति की बात नहीं है, पार्टी ने टिकट दी है. जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, कांग्रेस पार्टी का टिकट है, व्यक्तियों का टिकट नहीं है. मैंने नहीं बांटा टिकट, स्क्रीनिंग कमिटी ने रिव्यू किया, केंद्रीय चुनाव समिति ने देखा, फिर उप समिति ने भी समीक्षा की. काफी लंबी प्रक्रिया के बाद उम्मीदवारों का चयन हुआ. 90 सीटों के लिए ढाई हजार आवेदन थे.’
विनेश फोगाट की कांग्रेस में कैसे हुई एंट्री? भूपेंद्र हुड्डा ने बताया
विनेश फोगाट को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराने का निर्णय किसका था, दीपेंद्र हुड्डा का या भूपेंद्र हुड्डा का? इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘विनेश फोगाट गोल्ड से वंचित रह गई. हालांकि, उसका हक बनता था. उसके बाद उसने जो बयान दिया, तो मुझे महसूस हुआ कि उसे प्रॉपर गाइडेंस नहीं दी गई. क्योंकि मैं खुद स्पोर्ट्स लवर हूं. अगर गाइडेंस ठीक होती तो 100 ग्राम कोई ज्यादा वजन नहीं है. उसे बहुत मायूसी हुई. उस समय मैंने बयान दिया था और बीजेपी से भी रिक्वेस्ट किया था कि विनेश को राज्यसभा में भेज दो. क्योंकि हमारे पास तो संख्याबल नहीं है कि हम भेजें. इससे उसकी मायूसी थोड़ी कम होती. लेकिन जब वह पेरिस से लौटी तो राहुल गांधी से विनेश और बजरंग पूनिया मिले. मुझसे भी मिले थे. फिर उन्होंने खबर करी कि हममें से किसी एक को टिकट दे दो. तब विनेश चुनाव लड़ेगी यह फैसला लिया गया.’
ओलंपिक में 6 मेडल आते हैं तो 4 हरियाणा के खिलाड़ी जीतते हैं
भूपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि विनेश फोगाट को टिकट देने का एक ही कारण था, ‘हरियाणा में देश की सिर्फ 2 फीसदी आबादी रहती है, लेकिन जब कॉमनवेल्थ गेम्स होते हैं और 38 गोल्ड मेडल आते हैं, तो उनमें से 22 हरियाणा के खिलाड़ी जीतते हैं. ओलंपिक में 6 मेडल आते हैं तो 4 हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा जीते गए होते हैं. एक ऐसा माहौल बना हुआ है कि दूसरे खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत रहे. खिलाड़ियों के साथ कोई ज्यादती होगी तो उन्हें महसूस हो कि हरियाणा के लोग उनके साथ खड़े हैं.’
योगेश्वर, बबीता और संदीप भी खिलाड़ी थे, BJP ने टिकट दिया
पहलवानों के कांग्रेस में जाने से यह सवाल उठेंगे कि उनका आंदोलन अराजनीतिक नहीं था, बल्कि राजनीतिक हितों के लिए था? इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘खिलाड़ी एक पार्टी का नहीं होता है, देश का होता है. जब उन्हें लगा कि उनकी उम्र हो गई और वे अब आगे खेल जारी नहीं रख पाएंगे तो उन्होंने अपने भविष्य के बारे में फैसला किया. विनेश और बजरंग ने ही इच्छा जाहिर की कांग्रेस में शामिल होने की और तय किया कि उनमें से कोई एक चुनाव लड़ेगा. क्या बीजेपी ने योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट और संदीप सिंह को टिकट नहीं दिया. ये भी तो खिलाड़ी थे. इसका मतलब ये तो नहीं कि वे राजनीति में नहीं आ सकते.’
भूपेंद्र हुड्डा ने बताया क्यों नहीं हो पाया कांग्रेस-AAP का गठबंधन
राहुल गांधी चाहते थे आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. क्या कारण रहा इसके पीछे? इस सवाल के जवाब में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर हमारा उनके साथ गठबंधन था. हमने उन्हें कुरुक्षेत्र संसदीय सीट दी. लेकिन राज्य स्तर पर कांग्रेस के साथ AAP का कोई गठबंधन नहीं था. फिर भी हम चाहते थे कि गठबंधन हो, सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत भी हुई. लेकिन हमारा प्रयास सफल नहीं रहा. हमने AAP को अच्छी सीटें ऑफर की थीं. उनका जितना हक बनता है उससे ज्यादा ऑफर किया था. AAP पिछले विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटों पर लड़ी और सब जगह जमानत जब्त हुआ. लोकसभा चुनाव से पहले आदमपुर उपचुनाव में उसके प्रत्याशी को 3000 वोट मिले. फिर भी हमने उन्हें ऑफर किया, लेकिन मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी खुद नहीं चाहती थी गठबंधन हो.’
हरियाणा में मुकाबला बीजेपी vs कांग्रेस, AAP से कोई फर्क नहीं
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली सीएम पद से इस्तीफे पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, यह उनकी मर्जी है. वह अपनी पार्टी और अपनी मर्जी के मालिक हैं. वह किसी से पूछकर इस्तीफा थोड़ी देंगे. हरियाणा में केजरीवाल के प्रचार करने पर उन्होंने कहा, ‘जरूर जाना चाहिए उन्हें प्रचार के लिए. उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है तो क्यों नहीं आएंगे. सबको हक है चुनाव प्रचार करने का, चाहे बीजेपी हो, कांग्रेस हो या कोई और दल.’ क्या आम आदमी पार्टी एंटी बीजेपी वोट बांटेगी? इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘ऐसा नहीं होगा क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबला है. लोकसभा चुनाव में आपने देखा होगा, किसी तीसरे दल को 1 फीसदी वोट भी नहीं मिला था. हरियाणा की जनता समझदार है, वह ऐसी पार्टी को वोट नहीं करेगी जो सिर्फ वोट कटुवा की भूमिका में हो.’
कुमारी सैलजा हमारी वरिष्ठ नेता और सच्ची कांग्रेसी हैं: भूपेंद्र हुड्डा
क्या कुमारी सैलजा की नाराजगी से दलित मतदाताओं के बंटने का डर है कांग्रेस को? उन्होंने कहा कि महिलाओं को सत्ता की बागडोर मिलनी चाहिए. इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘महिलाओं को कांग्रेस में पूरी पावर है. वह सांसद हैं, वरिष्ठ नेता हैं, जनरल सेक्रेटरी हैं. हमने इस बार हरियाणा चुनाव में 11 महिलाओं को टिकट दिए हैं. हमारी सरकार में शिक्षा मंत्री कुमारी सैलजा ही थीं. हरियाणा कांग्रेस मेनिफेस्टो कमिटी की चेयरमैन गीता भुक्कल भी महिला ही हैं.’ यह पूछे जाने पर कि कुमारी सैलजा मेनिफेस्टो रिलीज के समय भी नहीं दिखीं, न ही चुनाव प्रचार में दिखती हैं, क्या उनकी नाराजगी कांग्रेस के लिए गले की फांस है? इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘क्यों नहीं जाएंगी. चुनाव प्रचार के लिए जाएंगी. जो भी कांग्रेस का है, उसकी विचारधारा में यकीन करता है वह जाएंगे प्रचार करने.’
कुमारी सैलजा पहले रोज ट्वीट करती थीं पार्टी के लिए, लेकिन 13 सितंबर के बाद नहीं कर रहीं. क्या कारण हो सकता है? इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘यह तो उन्हीं से पूछो आप क्यों नहीं ट्वीट कर रहीं. लेकिन वह हमारी वरिष्ठ नेता हैं, कांग्रेस में हैं और ट्रू कांग्रेसी हैं. उनके पिता भी कांग्रेसी थे.’ कांग्रेस में कई नेता हैं जिनका क्षेत्रीय प्रभाव है, जैसे कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला. इन्हें कैसे मैनेज करते हैं? इस सवाल पर हुड्डा ने कहा, ‘भाजपा में भी कहीं अनिल विज हैं, रामविलास शर्मा का टिकट ही काट दिया महेंद्रगढ़ से. राव इंद्रजीत को देख लीजिए. ये सभी कभी इकट्ठे दिखते हैं. सब अपनी पार्टी के लिए काम करते हैं. हमारे नेता भी अपनी पार्टी के लिए काम करेंगे.’
बीजेपी CM बदल ले, जनता ने उसे बदलने की ठानी है: भूपेंद्र हुड्डा
क्या बीजेपी की गुटबाजी का फैसला कांग्रेस को मिलेगा? इस सवाल के जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा कि हरियाणा की सभी 36 बिरादरियों ने मन बना लिया है कि राज्य में अबकी बार कांग्रेस की सरकार.’ बीजेपी ने चुनाव से ऐन पहले अपना मुख्यमंत्री बदल दिया. मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया. क्या इससे चुनाव पर कोई फर्क पड़ेगा? इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘यह तो आप बीजेपी से पूछो क्यों बदला. खट्टर के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी थी 9 साल की. नॉन परफॉर्मिंग गवर्नमेंट थी. कोई उनकी अचीवमेंट नहीं. उन्होंने सोचा कि शायद चेहरा बदल दें तो एंटी इन्कम्बेंसी से राहत मिलेगी. लेकिन बीजेपी चेहरे बदल ले, जनता ने उसे बदलने की ठान ली है.’