शिंदे बीमार, दिल्ली में पवार, पेंडिंग मीटिंग… 10 दिन से उलझी महाराष्ट्र की सियासी मिस्ट्री! – Maharashtra deadlock continues Eknath Shinde cancels meets Ajit Pawar flies to Delhi NTC

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के नतीजे (23 नवंबर) आए 10 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है. महायुति गठबंधन के बीच जारी उठापटक के बाद भी महाराष्ट्र की सियासी मिस्ट्री अब तक उलझी हुई है. कार्यवाहक सीएम शिंदे बीमार हैं. पवार दिल्ली जा रहे हैं, लेकिन फैसले को लेकर होने वाली बैठक पेंडिंग है.

दरअसल, महाराष्ट्र में एक तरफ नए मुख्यमंत्री के लिए उठापटक जारी है तो वहीं दूसरी तरफ कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे एक बार फिर बीमार पड़ गए हैं. बीमार पड़ने के बाद शिंदे ने आज की अपनी सभी बैठकें रद्द कर दी हैं. बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के गले में संक्रमण है और उन्हें बुखार है.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में महाटेंशन! क्या शिंदे ही बन गए हैं महायुति सरकार के गठन में बाधा?

फिर टली महायुति की बैठक

एकनाथ शिंदे कल (1 दिसंबर) शाम से ठाणे में हैं. वे अपने आधिकारिक आवास वर्षा पर वापस नहीं लौटे हैं. शिंदे की तबीयत खराब होने के कारण महायुति नेताओं की बैठक कल के लिए स्थगित कर दी गई है. सत्ता और विभागों के बंटवारे के साथ-साथ गृह, शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय के बारे में आज कोई चर्चा नहीं होगी. इस बीच अजित पवार दिल्ली के लिये रवाना हो रहे हैं.

गले में इंफेक्शन, तेज बुखार

बता दें कि एक दिन पहले 1 दिसंबर को भी शिंदे की तबीयत खराब हो गई थी. तब वे सतारा में स्थित अपने पैतृक गांव में थे. उनके गले में इंफेक्शन था और तेज बुखार भी था. हालांकि, इस बीच वह सतारा से ठाणे लौट आए थे. 

आया शिंदे के बेटे का बयान

आज ही एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे की सोशल मीडिया पोस्ट भी सामने आई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्वीट) पर लिखा,’महागठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में थोड़ी देरी हुई है. इस बारे में बहुत चर्चा और अफवाहें हैं. सीएम शिंदे अस्वस्थता के कारण 2 दिन के लिए गांव गए थे. इस बीच मेरे डिप्टी सीएम बनने की अफवाहें फैलाई गईं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. मेरे डिप्टी सीएम बनने की सभी खबरें निराधार हैं.’

मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं: श्रीकांत

श्रीकांत शिंदे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भी मुझे केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला था. लेकिन मैंने पार्टी संगठन के लिए काम करने के बारे में सोचकर मंत्री पद से इनकार कर दिया था. मुझे सत्ता में किसी पद की लालसा नहीं है. मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देता हूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं.

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