बाढ़ की त्रासदी झेल रहे बिहार को अभी नहीं मिलने वाली राहत! नेपाल से आई बुरी खबर – Bihar is facing flood tragedy will not get relief yet Bad news from Nepal ntc

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नेपाल में भारी बारिश और बाढ़ के बाद बिहार के नदी-नाले उफान पर हैं. कोसी, गंडक और गंगा नदी में बाढ़ के चलते शहर-कस्बे-गांव हर जगह तबाही देखने को मिल रही है. दरभंगा से लेकर सहरसा जैसे इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. इसी बीच बाढ़ की त्रासदी झेल रहे बिहार को अभी राहत मिलने की आसार नजर नहीं आ रही है, क्योंकि नेपाल में एक बार आने वाले दिनों में फिर से भारी बारिश और लैंडस्लाइड को लेकर अलर्ट जारी किया है. साथ ही नागरिकों को यात्रा न करने की सलाह दी है.

नेपाल सरकार ने बुधवार को भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया. गृह मंत्री रमेश लेखक ने अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया, क्योंकि मौसम पूर्वानुमान में गुरुवार तक कोसी और बागमती प्रांतों के साथ-साथ काठमांडू घाटी में भारी बारिश की संभावनाएं हैं.

कोसी और बागमती प्रांतों के लिए जारी किया अलर्ट

जल विज्ञान और मौसम विज्ञान विभाग द्वारा कोसी और बागमती प्रांतों के कुछ हिस्सों में आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावनाओं के खतरों को चिन्हित करते हुए अलर्ट जारी किया है.

लेखक ने राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए), मुख्य जिला अधिकारियों और स्थानीय सरकारों से आपदाओं के संभावित जोखिम के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया. मंत्रालय ने जनता से सतर्क रहने और भारी बारिश के संभावित खतरों और उसके परिणामों को कम करने के लिए तैयार रहने की भी अपील की.

लेखक ने कहा, “मैंने कोसी और बागमती प्रांत के मुख्य जिला अधिकारियों और आपदाग्रस्त प्रांतों में सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है.”

बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड और बाढ़ के कारण प्रमुख हाईवे और सड़कों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, लेखक ने यात्रियों से यात्रा करते वक्त सावधान रहने का अनुरोध किया, क्योंकि आने वाले दिनों में जोखिम ज्यादा हैं.

13 हजार लोगों को किया रेस्क्यू

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 13,071 लोगों को बचाया गया है. गुरुवार को शुरू हुई यह आपदा रविवार तक कई प्रांतों में तबाही का कारण बनी रही, जिससे हजारों लोग विस्थापित हो गए. ईस्ट और सेंट्रल नेपाल के बड़े हिस्से में शुक्रवार को बाढ़ का पानी भर गया. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस समेत 20 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. नेपाल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से 240 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.

बिहार में बाढ़ से 12 लाख लोग प्रभावित

वहीं, बिहार के 19 जिलों में 12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. सबसे ज्यादा पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा और कटिहार जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों के 76 प्रखंडों के 368 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. यहां आम लोगों का जनजीवन पटरी से उतर गया है. यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान को तेज करने का निर्देश दिया है. और इलाके में NDRF और SDRF के साथ एयरफोर्स को भी तैनात किया गया है.

बाढ़ में डूबे 250 से ज्यादा गांव

सरकार का कहना है कि नेपाल में 70 घंटे की बारिश के बाद कोसी-गंडक में इतना पानी छोड़ दिया गया कि तबाही मच गई. उत्तरी बिहार में 24 घंटे के अंदर 4 जिलों में 7 तटबंध टूट चुके हैं. 55 प्रखंडों के 270 गांव पूरी तरह डूबे हुए हैं.

वहीं, मुजफ्फरपुर के बाढ़ प्रभावित इलाके औराई में राहत, बचाव सामग्री बांट रहा भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी की वजह से पानी में ही हार्ड लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स के एक उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर को बिहार के सीतामढ़ी सेक्टर में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान एहतियात के तौर पर पानी में उतरना पड़ा. हेलिकॉप्टर में दो पायलट समेत तीन कर्मी सवार थे जो सुरक्षित हैं.

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