इजरायली हमलों से साउथ लेबनान में सन्नाटा पसरा हुआ है. हिज्बुल्लाह के लड़ाके इलाके में गश्त कर रहे हैं, जबकि आम नागरिक घरों में छिपे हुए हैं. इजरायल की सेना ने हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को बेरूत में निशाना बनाकर मार गिराया है, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल है. इस हमले के बाद साउथ लेबनान में हालात और भी खतरनाक होते जा रहे हैं, जहां इजरायली सेना किसी द्वारा किसी भी समय ग्राउंड अटैक शुरू करने की बात भी की जा रही है.
साउथ लेबनान में सन्नाटे के बीच खौफ का माहौल साफ महसूस किया जा सकता है. आजतक के रिपोर्टर अशरफ वानी ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं. अशरफ ने बताया कि इजरायली हमलों के बाद पूरे इलाके में हिज्बुल्लाह के लड़ाके ही दिखाई दे रहे हैं, जबकि आम नागरिक कहीं नजर नहीं आ रहे. अशरफ फिलहाल साउथ लेबनान के सबसे बड़े शहर टायर सिटी से 10 किलोमीटर दूर एक गांव में हैं. उन्होंने बताया, ‘मैं एक साल पहले भी यहां आया था. तब जगह का माहौल बिल्कुल अलग था. दुकानें हर वक्त खुली रहती थीं और रौनक थी. लेकिन अब खाने की तो बात छोड़िए, चाय पीने के लिए भी कोई दुकान नहीं खुली है. हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है.’
इजरायली हमलों के बाद साउथ लेबनान का पूरा इलाका वीरान सा लग रहा है. राजधानी बेरूत जो लाखों लोगों से गुलजार रहती है, उससे दूर साउथ लेबनान अब असली जंग का मैदान बनता जा रहा है. इजरायल यहीं से अपनी सेना को दाखिल कर ग्राउंड अटैक की तैयारी भी कर रहा है. साउथ लेबनान के बॉर्डर पर इजरायल ने सैकड़ों टैंक और सैनिकों को तैनात कर दिया है, जो किसी बड़े हमले का संकेत दे रहे हैं. इस तनावपूर्ण माहौल में आम नागरिकों दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे और सिर्फ हिज्बुल्लाह के लड़ाके गश्त करते दिख रहे हैं.
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बेरूत और साउथ लेबनान के हालात हर बीतते घंटे के साथ और गंभीर होते जा रहे हैं.
हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह, जो 1992 से संगठन का नेतृत्व कर रहे थे, इसराइल के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक माने जाते थे. शुक्रवार रात इजरायल ने बेरूत में हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर हवाई हमला किया, जिसमें नसरल्लाह की मौत हो गई. इस हमले के बाद से लेबनान में तनाव चरम पर है.
इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने नसरल्लाह की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और दुनिया भर के मुसलमानों से अपील की कि वे लेबनान और हिज्बुल्लाह का समर्थन करें. खामेनेई ने इसराइल को ‘दमनकारी और दुष्ट शासन’ करार दिया और कहा कि यह कदम हिज्बुल्लाह की ताकत को कमजोर नहीं कर सकता. इसराइल और हिज्बुल्लाह के बीच दशकों से तनाव चला आ रहा है और नसरल्लाह की मौत ने इस संघर्ष को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है.