देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 429 तक पहुंच गया. बुधवार को दिल्ली और आस-पास के इलाकों में एयर क्वालिटी इस सीजन में पहली बार ‘गंभीर’ कैटेगरी में पहुंच गई. इससे स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया. इसके चलते एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकारों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली पुरानी गाड़ियों के मुद्दे को सुलझाने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है.
ये सलाह राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर आधारित है, जिसमें एंड ऑफ लाइफ (ऐसे वाहन जिनका जीवनकाल खत्म हो चुका है) वाली गाड़ियों के खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई करने की बात कही गई है. पुराने BS-III और BS-II मानकों के तहत चलने वाली ये गाड़ियां अपने पर्यावरणीय प्रभाव की वजह से NCR में चलने के लिए ऑथराइज्ड नहीं हैं. इस मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से पिछले निर्देशों के बावजूद प्रगति सुस्त रही है, इसे लेकर CAQM ने तुरंत प्रयास तेज करने का आह्वान किया है. हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि NCR में बहुत से पुराने वाहन हैं, जिन्हें रेग्युलेटरी इंटरवेंशन की तत्काल आवश्यकता है.
हरियाणा में 2024 में 2,496 वाहन ज़ब्त किए गए, जबकि 2023 में यह संख्या 220 थी. यह इस क्षेत्र में पुराने वाहनों की समस्या को हल करने की दिशा में एक सकारात्मक रुझान को दर्शाता है, जहां ऐसे 27,50,152 वाहन हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली के 36 निगरानी स्टेशनों में से 30 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में बताया. बीते मंगलवार शाम तक लगातार 14 दिनों तक शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही, जिसमें वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण रहा, जो 15.4 प्रतिशत था.आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से स्थिति और खराब हो गई, जिससे शहर में धुंध की मोटी परत छा गई.